Thursday, June 9, 2011


                कल मानन्य गृहमंत्रि श्री पि. चिदंबरम जी का बयान आया, जिसमे उन्होंने कहा की बाबा रामदेव जी के आन्दोलन के पीछे संघ का हाथ है. मेरा गृहमंत्री जी से ये सवाल है की भ्रष्टाचार समाप्त करना या काले धन को वापिस लाने की मांग करना गलत है क्या ? मै देश वासियों से ये पूछना चाहता हु कि अगर भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए संघ समर्थन देता है तो इस मे क्या गलत है ? सरकार हमेशा से संघ के प्रति दुष्प्रचार करती आई है. मानन्य गृहमंत्रि, संघ एसे वय्कित्यो का समूह है जो स्वयम प्रेरणा से ईस देश कि सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है. देश और समाज पर आये प्रत्येक संकट पर सर्वप्रथम स्वयंसेवक उस आपदा या संकट का सामना करने के लिए तैयार रहता है. जिस संघ कि तारीफ स्वयं महात्मा गाँधी जी ने कि थी और कहा था कि " संघ ही एक मात्र एसा संघठन है  जो ऊच-नीच, बड़े या छोटे कि भावना से ऊपर ऊठ कर सिर्फ देश सेवा के लिए कार्य करता है. भारत मे आज हजारो एसे N.G .O. है जो मात्र सरकारी धन प्राप्त करने के लिए बनाये गए है उन्हें सेवा कार्यो से कोई मतलब नहीं है, वही दूसरी तरफ संघ पिछले 86 वर्षो से निरंतर बिना एक भी रूपये कि सरकरी सहायता के प्रखर राष्द्रभख्ती कि भावना से देश कि सेवा कर रहा है. 

                     मानन्य गृहमंत्रिजी, आप कि सरकार बाबा रामदेव द्वार उठायेगाए मुद्दो से इस देश के लोगो का ध्यान हटाना चाहती है,  इस लिए जनता को बेवकूफ बनाने के लिए ईस तरह का दोषारोपण किया जा रहा है. बड़े ही दुर्भाग्य कि बात है कि जो कार्य स्वयं सरकार को करना चाहिए उसे जनता को अपने हाथो मे लेना पड़ा. चिंदम्बरम जी जनता को बेवकूफ समजने कि भूल मत कीजिये, क्योकि जनता बहुत संवेदनशील और धेर्यवान होती है. जनता के धेर्य रूपी बाँध कि परीक्षा मत लीजियेगा क्योको जब ये बाँध टूटते है तो बड़ी से बड़ी सत्ताओ को तहस नहस कर देते है.  मिश्र और लीबिया इस के ताजे उदहारण है, और ईतना दूर भी क्यों जाये 1947  मे स्वयम हमारे देश के लोगो ने ही स्वतंत्रा कि क्रांति करके अपने देश को आजाद करवाया था.
                 क्या संघ ईस लिए गलत है कि वो आज इस देश के बहुसंक्य्क लोगो कि बात उठाने का एक मंच बन गया है ? गृहमंत्री जी आप किस सेकुलिरिजिम कि बात करते है? जब स्वयं मानन्य प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी ये घोषणा करते है कि ईस देश के संसाधनों पर पहला आधिकार गरीब मुसलमानों का है. ये केसी  सेकुलिरिजिम कि परिभाषा है जो आप के लिए अलग और संघ के लिए अलग. गृहमंत्री जी जनता सब जानती है, जनता शिक्षित हो रही है, अब वह समय नहीं रहा कि आप जो कहेंगे वही जनता मान लेगी. ईस देश के लोगो ने संघ कार्य को प्रत्यक्ष देखा है, चाहे वो युद्ध, भूकंप, बाढ़, सुनामी या और भी कोई आपदा हो.  आपदा के समय सारे सरकारी तंत्र जब ठप हो जाते है तब संघ के स्वयंसेवक मोर्चा संभाल कर समाज सेवा के कार्यो मे जुट जाते है. प्रशासन  के लोग भी ये मानते है कि जो अपने घर कि परवाह बाद मे करता है और देश सेवा पहले करता है वह संघ का स्वयमसेवक ही हो सकता है. 

        आप कि सरकार ने सता के मद मे अंधे होकर बाबा रामदेव और उनके समर्थको पर जो कायरतापूर्ण कार्यवाही कि है उस से इस विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र कि हत्या हुई है इस के लिए जनता आप को माफ़ नहीं करेगी. अभी भी समय है, अपनी भूलो से सिख ले वाही इन्सान होता है. चंद वैभवशाली लोगो को बचाने के लिए आप भ्रष्टाचार और काले धन कि वापसी के लिए कार्यवाही नहीं कर रहे है. ईस देश के सचे देशभक्त नागरिक बनिए जनता को आप से बहुत उम्मीदे है. बंद कीजिये इस तरह के दुष्प्रचार और ईस देश को परमवैभव तक पहुचने का ईमानदारी से प्रयास कीजिये.       

Tuesday, June 7, 2011

हर आँख सपना सुहाना ढूंढ़ लेती है...


मेरी खामोशियो मै भी फ़साना ढूंढ़ लेती है,
बड़ी जालिम है ये दुनिया बहाना ढूंढ़ लेती है,
हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को
फिर भी हर आँख सपना सुहाना ढूंढ़ लेती है...

ना चिड़िया की कमी है ना कारोबार है कोई,
फिर भी होंसलो से आबोदाना ढूंढ़ लेती है,
क्या जाने ये दुनिया मस्त हाल मंसूर का,
जो सूली पर भी हसना मुस्कुराना ढूंढ़ लेती है...

उठती है जो खतरा डूब जाने का ,
वही कोशिष समंदर मै खजाना ढूंढ़ लेती है,
जुनू मंजिल का बचाता है भटकने से,
मेरी दीवानगी अपना ठिकाना  ढूंढ़ लेती है.....