इन्कमटेक्स एक्ट में जिन व्यक्तियों को औडिट करवाना अनिवार्य है उन को छोड़ कर बाकि सभी करदाताओ को हर वर्ष की 31 जुलाई तक आयकर रिटर्न भरने की समय सीमा दी गई है.
यहाँ एक महत्वपूर्ण बात कहना चाहूँगा कि यदि पिछले वितीय वर्ष में आपको कोई नुकसान हुआ है और आप उस नुकसान का सेट-ऑफ आने वाले वर्षो में लेना चाहते है तो आप को नियत समय पर रिटर्न भरना आनिवार्य है. वितीय वर्ष 2010-11 में पुरषों को 1,60,000 रु महिलाओ को 1,90,000 रु तथा वरिष्ठ नागरिको को 2,40,000 रु तक किसी तरह की टेक्स की लाइबलिटी नहीं आती. वेतन भोगी कर्मचरियो के लिए खुश खबर है कि यदि उनकी सेलेरी सभी एलाउड डिडक्शन घटाने के बाद 5 लाख रु से कम होती है तो उन को इन्कमटेक्स रिटर्न भरने की आवशयकता नहीं है. यहाँ एक फायदे की बात बताना चाहूँगा कि यदि आपने अपने ऐसे शेयर बेचे है जो की आपके पास 1 वर्ष से ज्यादा समय से थे तथा उन को बेचने से आप को यदि प्रोफिट हुआ है तो उस प्रोफिट पर आप को कोई इन्कमटेक्स नहीं भरना होगा. रिटर्न भरते समय ध्यान दे कि यदि आपका TDS कटा है तो आपना TDS सर्टिफिकट लेना ना भूले. TDS रिफंड प्राप्त करने के लिए आप को इन्कमटेक्स रिटर्न भरना आनिवार्य है.
अब आयकर में सेक्शन 80 C में मिलने वाली छुटो के बारे में महत्वपूर्ण जानकारिया. LIC प्रीमियम, PPF तथा NSC में किया गया पूर्ण रूप से छुट योग्य है. यदि आप को PPF /NSC पर ब्याज मिला है तो उस पर किसी तरह का टेक्स नहीं लगता, परन्तु NSC पर मिला अंतिम वर्ष का ब्याज करयोग्य होगा. हाऊसिंग लोन में प्रिंसिपल एमाउंट के लिए चुकाई गयी राशी छुट के रूप में मिलेगी. यदि आप के बच्चे भारत में किसी भी शिक्षण संस्थान में पढ़ते है, तो अधिकत्तम 2 बच्चो की संसंथान को चुकाई गयी केवल ट्यूशन की राशी छुट के रूप में मिलेगी. ULIP स्कीम में किया गया निवेष आप को इस सेक्शन के तहत छुट दिला सकता है. परन्तु ध्यान रहे ऊपर दिए गए सभी निवेशो में छुट प्राप्त करने की अधिकतम राशी 1 लाख रु ही है, यदि आपका निवेष 1 लाख रु से आधिक है तो अधिक वाली राशी छुट योग्य नहीं होगी.
इसके अतिरिक्त यदि आप ने मेडिक्लेम पोलिसी ली है तो सेक्शन 80 D के अन्दर आप उस की छुट प्राप्त कर सकते है, तथा यदि आप ने लॉन्ग टर्म इन्फ्रास्ट्रक्चर बोंड लिए है तो उन में 20,000 रु तक किया गया निवेष सेक्शन 80 CCF के अन्दर छुट योग्य होगा.
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